"कल रात से ही मोहन नगर इलाके में पुलिस की गाड़ियों का शोर सुनाई दे रहा था। हम सब डरे हुए थे," यह कहना है नागपुर के रहने वाले अमित का, जिनके घर के बाहर अभी भी पुलिस की बख्तरबंद गाड़ियाँ तैनात हैं। औरंगज़ेब की कब्र को लेकर हुए प्रदर्शनों के बाद शहर के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। हालांकि अब स्थिति काबू में है, लेकिन लोगों के चेहरों पर डर साफ झलक रहा है।
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नागपुर हिंसा लाइव अपडेट्स: करफ्यू और तनाव के बीच शहर में सन्नाटा |
क्या हुआ था? एक नज़र पूरे घटनाक्रम पर
बुधवार सुबह जब कुछ समूहों ने औरंगज़ेब की कब्र पर जाने की माँग की, तो विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। शुरुआत शांतिपूर्ण थी, लेकिन दोपहर तक बात हिंसा पर आ गई। कुछ लोगों ने पत्थरबाज़ी शुरू कर दी, वाहनों को आग लगा दी गई। स्थानीय दुकानदार राहुल बताते हैं, "मैंने 10 साल में ऐसी हिंसा नहीं देखी। लोग भागते हुए दिखे, बच्चे रो रहे थे।"
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मोहन नगर, गणेशपुरा और आज़ाद चौक जैसे इलाकों में धारा 144 लगा दी। रात 8 बजे से करफ्यू शुरू हुआ, जो आज भी जारी है। फिलहाल, इन इलाकों में सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी की गाड़ियों को ही जाने की इजाज़त है।
अब क्या है हालात?
शांति, मगर डर का माहौल: सुबह से पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्सेस की गश्त बढ़ा दी गई है। सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलने के डर से इंटरनेट स्पीड भी स्लो कर दी गई है।
गिरफ्तारियाँ: अब तक 45 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें दोनों समुदायों के युवा शामिल हैं।
घायल: 12 लोगों को चोटें आईं, जिनमें 3 पुलिसकर्मी भी हैं। सबकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "हमने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए टियर गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। अब सब कंट्रोल में है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।"
लोगों की प्रतिक्रियाएँ: 'हमें शांति चाहिए!'
इलाके के बुजुर्ग श्रीमती कविता कहती हैं, "ये राजनीति वाले लड़ाई करते हैं, मगर आम आदमी की ज़िंदगी बर्बाद होती है।" कॉलेज स्टूडेंट प्रिया ने कहा, "हमारे एग्जाम्स कैंसल हो गए! यार, कब तक ये सब चलेगा?"
वहीं, कुछ युवाओं ने सोशल मीडिया पर शांति के लिए #NagpurForPeace ट्रेंड करवाया। एक यूजर ने लिखा, "😔 दिल्ली दंगों की याद दिला दी। प्लीज़, नागपुर को और न बिगाड़ें।"
आगे क्या? प्रशासन की तैयारी
बैठकें जारी: कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर ने आज सुबह सभी पार्टियों के नेताओं से बात की है।
शांति समितियाँ सक्रिय: मोहल्ला लेवल पर लोगों को समझाने का काम चल रहा है।
राहत शिविर: प्रभावित इलाकों में खाने-पीने का सामान बाँटा जा रहा है।
लोकल टिप: अगर आप नागपुर में हैं, तो फिलहाल बाहर न निकलें। पुलिस हेल्पलाइन नंबर (📞 112) पर कॉल कर सकते हैं। हम भी लगातार अपडेट्स देते रहेंगे।
👉 ध्यान दें: यह आर्टिकल स्थानीय निवासियों के अनुभवों और आधिकारिक सूत्रों पर आधारित है। अफवाहों से बचें!
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